इस तरीके से मिल जाएगी डायबिटीज की पूर्व सूचना
सेहतराग टीम
आम तौर पर ये पाया गया है कि कमर का बढ़ता घेरा मधुमेह को न्योता देता है। इसलिए डॉक्टर ये सलाह देते हैं कि वजन पर नियंत्रण रखें और खासकर कमर के घेरे को बढ़ने न दें। अब भारतीय शोधकर्ताओं के एक दल ने पाया है कि मधुमेह और कमर एवं जांघों के अनुपात में संबंध हो सकता है।
पतली कमर और मोटी जांघों का कमाल
नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के मेडिसीन विभाग एवं इलाहाबाद के मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं की एक संयुक्त टीम में पता लगाया है कि जिन लोगों की जांघों का आकार बड़ा होता है और कमर का घेरा कम होता है उन्हें मधुमेह होने की आशंका कम होती है। हालांकि आम भारतीय वयस्कों के साथ इसका उलटा अनुपात होता है। यानी उनकी जांघें तो पतली होती हैं मगर कमर का घेरा सामान्य से अधिक होता है।
गंगाराम अस्पताल में हुआ शोध
विशेषज्ञों ने पाया है कि कमर-जांघ का अनुपात उन लोगों की पहचान करने में कारगर एवं किफायती उपाय साबित हो सकता है जिन्हे टाइप 2 मधुमेह होने का अत्यधिक खतरा होता है अस्पताल ने एक बयान में बताया कि अध्ययन के निष्कर्ष सर गंगाराम अस्पताल में मार्च 2013 से सितंबर 2016 के बीच 1,055 मरीजों पर किए गए ‘रिट्रोस्पेक्टिव एनालिसिस’ पर आधारित है।
अध्ययन का शीर्षक ‘वेस्ट थाई रेशियो : ए सरोगेट मार्कर फॉर टाइप 2 डाइबिटीज मेलिटस इन एशियन नॉर्थ इंडियन पेशेन्ट्स’ है। यह अध्ययन हाल ही में ‘इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबोलिज्म’ में प्रकाशित हुआ है।
दुनिया की बड़ी चुनौती
दुनिया भर में मधुमेह एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। अध्ययन में कहा गया है कि एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2015 में दुनिया भर में 41.5 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित थे। अगर यह चलन जारी रहा तो साल 2040 में मधुमेह पीड़ितों की संख्या 64.2 करोड़ हो सकती है।
शोधकर्ताओं की बात
टाइप 2 मधुमेह डाइबिटीज का एक आम प्रकार है। जब शरीर में रक्त शर्करा यानी ब्लड ग्लुकोज का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है तब इसे टाइप 2 मधुमेह कहा जाता है।
सर गंगा राम अस्पताल में दवा विभाग के अध्यक्ष एवं अध्ययन के सह लेखक डॉ एस पी ब्योत्रा ने बताया ‘जब शुरूआती अवस्था में ही खतरे का पता चल जाए तब ही इलाज सार्थक होगा। इसके लिए हमें सरल एवं किफायती जांच की जरूरत है।’
अध्ययन के सह लेखक एवं सर गंगा राम अस्पताल में दवा विभाग में वरिष्ठ सलाहकार अतुल गोगिया ने बताया ‘हमारे अध्ययन में पता चला है कि मधुमेह पीड़ितों की कमर सामान्य लोगों की तुलना में अधिक फैली हुई होती है। उनकी जांघें भी पतली होती हैं।’
अध्ययन के सह लेखक एवं सर गंगा राम अस्पताल में दवा विभाग में वरिष्ठ सलाहकार अतुल काकर ने बताया ‘अत्यधिक वसा के कारण हम एशियाई भारतीयों की, अक्सर बड़ी तोंद होती है और जांघें पतली होती हैं। इसकी वजह से हमें मधुमेह का खतरा अधिक होता है।’
Comments (0)
Facebook Comments (0)